दुश्मनों से दोस्ती को बेताब चीन, लेकिन ट्रंप-जिनपिंग की यारी भारत को न पड़ जाए भारी?
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चीन का दोस्ती का दांव

भारत से दोस्ती की शुरुआत के बाद चीन ने अमेरिका और अब जापान के साथ रिश्ते सुधारने की कोशिशें तेज कर दी हैं। संकेत मिल रहे हैं कि चीन जापान से सी फूड का आयात फिर से शुरू करने जा रहा है। दोनों देशों के बीच इसी मुद्दे पर तल्खी बढ़ी थी।

ट्रंप का चीन दौरा: भारत के लिए चिंता की बात

इस बीच खबर है कि अमेरिकी राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के 100 दिनों के अंदर ही डोनाल्ड ट्रंप चीन की यात्रा कर सकते हैं। हालांकि, एक्सपर्ट ट्रंप के चीन दौरे को भारत के लिए अच्छा नहीं मान रहे हैं। उनका कहना है कि ट्रंप और जिनपिंग की नजदीकियों का असर अमेरिका के भारत और जापान के साथ रिश्तों पर पड़ेगा।

चुनावी दौर में ट्रंप की चीन को धमकी

चुनावी अभियान के दौरान ट्रंप चीन पर काफी सख्त रुख अपनाए थे। उन्होंने चीनी उत्पादों पर एक्स्ट्रा टैरिफ लगाने की धमकी दी थी, जिससे दोनों देशों के रिश्ते तनावपूर्ण हो गए थे। लेकिन शपथ ग्रहण से पहले उनके सलाहकारों ने बताया कि ट्रंप सत्ता संभालने के बाद चीन के दौरे पर जाना चाहते हैं, ताकि रिश्तों को बेहतर किया जा सके। उन्होंने भारत आने की इच्छा भी जताई है। एक दिन पहले उनकी फोन पर जिनपिंग से भी बात हुई थी।

ट्रंप की कोशिशों का मकसद

ट्रंप लंबे समय से कहते रहे हैं कि अमेरिकी राष्ट्रपतियों को विदेशी प्रतिद्वंद्वियों से सीधे बात करनी चाहिए। वह जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जैसे नेताओं के साथ अपने अच्छे संबंध होने का दावा करते रहे हैं। ट्रंप के सलाहकार जेसन मिलर ने कहा, ट्रंप कुछ देशों के साथ अमेरिका के रिश्तों में बदलाव लाना चाहते हैं, चाहे वह दुश्मन देश चीन का ही मामला क्यों न हो। इसके लिए आपको बात तो करनी होगी। हम यही करने जा रहे हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या चीन और अमेरिका दोस्त बनने जा रहे हैं? इस पर मिलर ने कहा- बिल्कुल नहीं। यह भी हो सकता है कि वह चीन के प्रति काफी सख्त हों।

जिनपिंग की चाहत

ट्रंप के एक अन्य एडवाइजर ने कहा, शी जिनपिंग भी ट्रंप के साथ एक समझौता करना चाहते हैं। जब ट्रंप की जीत हुई तो जिनपिंग सबसे पहले उन्हें बधाई देने वाले नेताओं में से एक थे। जिनपिंग चाहते हैं कि दोनों देश मिलकर साथ चलें और एक नए युग की शुरुआत हो। इससे पूरी दुनिया को लाभ मिलेगा।

भारत पर क्या होगा असर

लेकिन एक्सपर्ट इसे भारत के नजरिए से सही नहीं मानते। सामरिक मामलों के जानकार ब्रह्मा चेलानी ने एक्सिस पर लिखा, कूटनीतिक समझौते की तलाश में डोनाल्ड ट्रंप का चीन के तानाशाह से प्रेमालाप का असर टोक्यो और नई दिल्ली के साथ अमेरिका के संबंधों पर पड़ेगा। सोशल मीडिया में कुछ लोगों ने लिखा, पश्चिमी देश चीन की ताकत से डरे हुए हैं। वे किसी भी कीमत पर उसकी क्षमता का लाभ उठाना चाहते हैं। इसका असर भारत पर पड़ना तय है। क्योंकि अगर चीन के साथ अमेरिका के रिश्ते ठीक हो गए तो अमेरिका चीन पर सख्त कदम नहीं उठा पाएगा और अकेले भारत को ही चीन से निपटना होगा।

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