जमानत के फैसले से भड़का परिवार, आगे लड़ने की कसम
अतुल सुभाष आत्महत्या मामले में बेंगलुरु की अदालत ने उनकी पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा और साले अनुराग को जमानत दे दी। निकिता की जमानत ने अतुल सुभाष के परिवार को झकझोर कर रख दिया है। उनके भाई पवन मोदी ने कहा कि वो जमानत के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे।
परिवार के आरोप, कोर्ट में रखी 15 आपत्तियां
अतुल के भाई विकास मोदी का कहना है कि हमने जमानत का विरोध करते हुए 15 आपत्तियां दी थीं, जो जमानत का विरोध करने के लिए बहुत मजबूत आधार थीं। उनका आरोप है कि जांच अभी पूरी नहीं हुई है और जमानत देने के फैसले में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं की अनदेखी की गई। उन्होंने कहा कि हम अपने भाई को न्याय दिलाने के लिए अंतिम सांस तक लड़ेंगे।
3 साल के बच्चे का बोर्डिंग स्कूल में दाखिला
विकास मोदी ने बताया कि अतुल और निकिता के 3 साल के बेटे व्योम को निकिता ने फरीदाबाद के एक बोर्डिंग स्कूल में दाखिल करवा दिया है, और स्कूल के फॉर्म में माता-पिता के हस्ताक्षर भी नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 7 जनवरी को बच्चे की कस्टडी को लेकर सुनवाई तय की है।
सोशल मीडिया पर उठे सवाल
निकिता को जमानत मिलने के बाद सोशल मीडिया पर एक बार फिर बहस छिड़ गई है। एक यूजर ने अतुल सुभाष के भाई के बयान को साझा करते हुए लिखा कि निकिता ने अपने 3 साल के बेटे को फरीदाबाद के एक बोर्डिंग स्कूल में दाखिल कराया है जबकि वह गुरुग्राम में काम करती हैं और उसका परिवार यूपी के जौनपुर में रहता है।
क्या बच्चे का भला था फैसला?
यूजर्स सवाल उठा रहे हैं कि क्या बच्चे को बोर्डिंग स्कूल में दाखिल करना सही था? कुछ यूजर्स का कहना है कि ये बच्चे के भले के लिए नहीं है, जबकि कुछ का मानना है कि ये माँ का अधिकार है।
सुप्रीम कोर्ट में कस्टडी की सुनवाई जारी
सुप्रीम कोर्ट में अतुल सुभाष केस को लेकर बच्चे की कस्टडी को लेकर सुनवाई जारी है। अतुल की मां अंजू देवी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अपने पोते की कस्टडी मांगी है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि बच्चा अभी अपनी मां के पास है और इस मामले पर हरियाणा सरकार और अतुल की पत्नी निकिता से बच्चे की स्थिति पर हलफनामा मांगा है। अगली सुनवाई 20 जनवरी को होगी।
कर्नाटक हाईकोर्ट ने खारिज की थी एफआईआर रद्द करने की याचिका
अतुल सुभाष मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट ने सोमवार को निकिता सिंघानिया की याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने एफआईआर रद्द करने की मांग की थी। कोर्ट ने एफआईआर खारिज करने से इंकार कर दिया था।
*Nikita Singhania enrolled her 3-year-old son in Satyug Darshan Vidyalaya, a Faridabad boarding school with a premium fee of ₹1.5L PA—while she worked in Gurgaon, and her family lived in Jaunpur, UP.
— Akassh Ashok Gupta (@peepoye_) January 6, 2025
She didn t allow Atul Subhash, the child’s father, to even meet his son but… pic.twitter.com/7ldtwBmspt
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