रोहित का धमाकेदार इंटरव्यू, नहीं देखा होगा हिटमैन का यह अंदाज, पढ़ें उनके 10 बड़े बयान
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रोहित ने कहा, यह संन्यास का फैसला नहीं है और न ही मैं पीछे हटने जा रहा हूं। सिडनी टेस्ट से मैं इसलिए बाहर हो गया हूं क्योंकि मेरा बल्ला नहीं चल रहा है। इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि पांच महीने बाद बल्ला नहीं चलेगा...कोई गारंटी नहीं है कि दो महीने बाद बल्ला नहीं चलेगा। क्रिकेट में हम सबने देखा है कि हर सेकंड, हर क्षण जिंदगी बदलती है। मुझे अपने आप पर विश्वास है कि चीजें बदलेंगी। हालांकि मुझे इस क्षण में क्या जरूरी है उस पर भी ध्यान देना था। मेरे दिमाग में चल रहा था कि मैरी बैटिंग फॉर्म अच्छी नहीं चल रही है। आप आउट ऑफ फॉर्म खिलाड़ियों को ज्यादा मौके नहीं दे सकते। इसलिए मेरी यह समझ थी कि मैं ये बात कोच और चयनकर्ताओं को बताऊं कि ये चीजें मेरे मन में चल रही है। उन्होंने मेरे फैसले की सराहना की और कहा कि आप इतने समय से खेल रहे हो और आपको पता है कि आप क्या कर रहे हो और क्या नहीं कर रहे हो। मेरे लिए यह फैसला लेना मुश्किल था, लेकिन अगर सबकुछ सामने रखा जाए तो यह फैसला जरूरी था।

संन्यास की रिपोर्ट्स पर रोहित मीडिया पर बिफरे रोहित ने संन्यास की रिपोर्ट्स देने वाले मीडिया की भी क्लास ली। उन्होंने कहा, अगर किसी व्यक्ति के पास माइक, लैपटॉप या कलम है तो वह क्या लिखता है या क्या बोलता है, इससे हमारी जिंदगी नहीं बदलती। हम इतने साल से खेलते आ रहे हैं। ये लोग तय नहीं कर सकते कि हमें कब जाना चाहिए या कब नहीं खेलना चाहिए। मैं समझदार इंसान हूं और परिपक्व भी। मैं दो बच्चों का पिता हूं इसलिए मेरे पास भी थोड़ा दिमाग है कि जीवन में मुझे क्या चाहिए। जो कुछ भी लिखा जा रहा है वह हमारे नियंत्रण में नहीं है और जिस चीज पर हम नियंत्रण नहीं रख सकते, उस पर ध्यान नहीं देना चाहिए। हमें अपना गेम खेलना है और सोचना है कि कैसे जीत हासिल करें। इससे ज्यादा हम क्या कर सकते हैं।

सिडनी में खुद को ड्रॉप करने का फैसला यह पूछने पर कि क्या उन्होंने मेलबर्न टेस्ट की हार के बाद यह फैसला लिया था, रोहित ने कहा, नहीं। मैंने यह फैसला सिडनी आने के बाद लिया। मैच के बाद हमारे पास बीच में दो ही दिन थे और एक दिन नए साल का था और मैं नए साल में कोच और चयनकर्ता से यह नहीं बोलना चाहता था। यह मेरे दिमाग में चल रहा था कि मैं लगातार कोशिश कर रहा हूं, लेकिन रन नहीं बन रहे। मुझे यह स्वीकार करना होगा कि रन नहीं बन रहे और ऐसे में मेरे लिए अलग हटना जरूरी था।

बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी को बरकरार रखने पर टीम का ध्यान रोहित ने कहा, मैं जब भी कप्तानी करता हूं तो मैं यह नहीं सोचता कि पांच या छह महीने बाद क्या होगा। आप निकट भविष्य में क्या चाहते हैं, उस पर ध्यान देना जरूरी है। हमारा पूरा फोकस इन पांच मैचों पर था। हमें ट्रॉफी बरकरार रख

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