दिल्ली में बीजेपी ने आज बड़ा खुलासा किया है। एलजी सचिवालय के दस्तावेजों के अनुसार, पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों की सिफारिशों पर दिल्ली के 22 से अधिक मंदिरों को तोड़ा गया था।
केजरीवाल सरकार ने मंदिर तोड़े लेकिन मजार नहीं, जानिए वजह
दिलचस्प बात यह है कि इन 24 धार्मिक स्थलों में 22 मंदिर और केवल एक दरगाह शामिल थी। इतना ही नहीं, 2017 में जब दो मजारों को तोड़ने की बात आई, तो सत्येंद्र जैन ने इसे यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इससे लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हो सकती हैं।
इस कदम से सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह मुस्लिम वोट बैंक को खुश करने के लिए उठाया गया था। अगर कार्रवाई करनी थी, तो यह सभी धर्मस्थलों पर समान रूप से क्यों नहीं हुई? यह धार्मिक भावनाओं की आड़ में किया गया एक भेदभाव प्रतीत होता है।
अरविन्द केजरीवाल और उनकी पार्टी कितनी धूर्तता और मक्कारी से काम लेती है, यह एक बार फिर साफ हो गया। खुद ही मंदिर गिराने की सिफारिश की और मंजूरी दी लेकिन आरोप उपराज्यपाल महोदय पर थोंप दिया।#हिंदू_विरोधी_आप@narendramodi @JPNadda @AmitShah @LtGovDelhi @blsanthosh @PandaJay… pic.twitter.com/rnoRtFdzMc
— Ramvir Singh Bidhuri (@RamvirBidhuri) January 3, 2025
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