जीवन की जंग हारी चेतना
राजस्थान के कोटपुतली में बोरवेल में गिरी 6 साल की मासूम चेतना को बचाया नहीं जा सका। करीब 160 घंटे तक चले बचाव अभियान के बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। चेतना 23 दिसंबर को खेलते समय 150 फीट गहरे बोरवेल में गिर गई थी।
घंटों चली जद्दोजहद
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें हादसे के बाद मौके पर पहुंचीं और बचाव अभियान शुरू किया। समानांतर सुरंग खोदकर चेतना तक पहुंचने की जद्दोजहद दिन-रात चली, लेकिन सभी प्रयास बेकार साबित हुए। यह राज्य में अब तक के सबसे लंबे बचाव अभियानों में से एक था।
परिवार के आरोप
चेतना के परिवार ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि अगर समय रहते बचाव कार्य पूरा किया जाता तो शायद उनकी बेटी को बचाया जा सकता था। हालांकि, प्रशासन ने इस बचाव अभियान को सबसे कठिन अभियानों में से एक बताया है।
बोरवेल का खतरा फिर उजागर
कोटपुतली हादसे ने खुले बोरवेल के खतरे को एक बार फिर उजागर कर दिया है। इस घटना से सरकार और आम जनता दोनों को सबक लेना चाहिए। खुले बोरवेल को बंद करना और ऐसे हादसों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाना अब समय की मांग है।
देश शोक में डूबा
चेतना की मौत ने पूरे देश को गमगीन कर दिया है। यह हादसा याद दिलाता है कि तकनीकी प्रगति के बावजूद, हम बुनियादी सुरक्षा के मामले में कितने पीछे हैं।
सिस्टम के आगे चेतना ज़िंदगी की जंग हार ही गई...!! pic.twitter.com/9EltbYUWdJ
— Dinesh Bohra (@dineshbohrabmr) January 1, 2025
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