अगर मैं अच्छा क्रिकेट खेलता हूं तो मुझे पीआर की जरूरत नहीं?, - महेंद्र सिंह धोनी
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एमएस धोनी ने बताया, सोशल मीडिया के बड़े प्रशंसक नहीं हैं

पूर्व भारतीय कप्तान एमएस धोनी ने कहा है कि अच्छा क्रिकेट खेलते रहने से जनसंपर्क (पीआर) की कोई जरूरत नहीं होती है। धोनी ने हाल ही में एक बातचीत में कहा, मैं कभी भी सोशल मीडिया का बहुत बड़ा प्रशंसक नहीं रहा। मेरे साथ कई प्रबंधकों ने काम किया और वे मुझे सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने की सलाह देते थे।

धोनी का मानना है, अच्छा क्रिकेट पीआर से ज्यादा जरूरी

उन्होंने कहा, मैंने 2004 में खेलना शुरू किया था, इसलिए ट्विटर और इंस्टाग्राम लोकप्रिय हो रहे थे। प्रबंधक कई तरह के तर्क देकर कह रहे थे कि आपको कुछ पीआर बनाना चाहिए, लेकिन मेरा एक ही जवाब था कि अगर मैं अच्छा क्रिकेट खेलता हूं तो मुझे पीआर की जरूरत नहीं है।

धोनी ने कहा, तो यह हमेशा होता था कि अगर मेरे पास (सोशल मीडिया के लिए) कुछ साझा करने जैसा होता है तो मैं साझा करूंगा। मैं इन चीजों का तनाव नहीं लेता हूं कि किसके कितने फॉलोअर्स हैं, कौन क्या कर रहा है क्योंकि मैं जानता हूं कि अगर मैं क्रिकेट का ध्यान रखूंगा तो बाकी सब कुछ अपने आप हो जाएगा।

43 साल की उम्र में फिटनेस बनाए रखना है चुनौतीपूर्ण

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को 2020 में अलविदा कहने वाले 43 साल के धोनी इंडियन प्रीमियर लीग के आगामी (18वां सत्र) सत्र में खेलने की तैयारी शुरू करने वाले हैं। उन्होंने माना कि उम्र के इस पड़ाव पर फिटनेस बनाए रखना काफी चुनौतीपूर्ण है।

धोनी ने कहा, मैं पहले की तरह फिट नहीं हूं, फिट रहने के लिए आप क्या खा रहे हैं इस पर अब बहुत नियंत्रण करने की जरूरत है। मैं तेज गेंदबाज नहीं हूं इसलिए हमारी जरूरतें उतनी अधिक नहीं हैं। मुझे वास्तव में खाने और जिम जाने के बीच बहुत सारे खेल खेलने से मदद मिलती है।

फिटनेस के लिए विभिन्न खेल खेलते हैं धोनी

उन्होंने कहा, इसलिए जब भी मुझे समय मिलता है तो मैं कई अलग-अलग खेल जैसे कि टेनिस, बैडमिंटन, फुटबॉल खेलना पसंद करता हूं। यह खेल मुझे व्यस्त रखते हैं। यह फिटनेस बनाए रखने का सबसे अच्छा तरीका है।

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की कमी नहीं महसूस होती

भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक माने जाने वाले धोनी को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की कमी नहीं खलती है क्योंकि उन्हें लगता है कि उन्होंने इस खेल से देश को गौरवान्वित करने अपनी भूमिका निभा ली है।

उन्होंने कहा, मैंने सोचा था कि मुझे और समय मिलेगा, लेकिन यह थोड़ी निराशा की बात है कि मुझे ज्यादा समय नहीं मिला। मुझे अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की कमी महसूस नहीं होती है क्योंकि मैं हमेशा मानता हूं कि आप कुछ सोच समझ कर अपने फैसले लेते हैं। एक बार जब आपने निर्णय ले लिया तो उसके बारे में सोचने का कोई मतलब नहीं है।

सफलता का श्रेय माता-पिता और दोस्तों को देते हैं

धोनी ने जीवन में अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता और करीबी दोस्तों को दिया। उन्होंने कहा, मेरे माता-पिता... क्योंकि उन्हें बहुत त्याग करना पड़ा और मुझे लगता है कि आज मेरे पास जो बहुत अनुशासन है, वह मेरे माता-पिता के कारण है। दोस्त हमेशा महत्वपूर्ण होते हैं।

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