दोनों आर्थिक उदारीकरण के नायक, लेकिन अंतिम संस्कार में जमीन-आसमान का अंतर
नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह, कांग्रेस के दो ऐसे नेता हैं जिन्हें देश में आर्थिक उदारीकरण का श्रेय जाता है। दोनों ही कांग्रेस राज में प्रधानमंत्री रहे हैं। नरसिम्हा (PV Narsimha Rao) तब पीएम बने जब राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी। मनमोहन सिंह ने तब देश की बागडोर संभाली जब सोनिया गांधी इस पद को संभालना नहीं चाहती थीं। खास बात यह है कि मनमोहन नरसिम्हा राव के भी फेवरेट थे। यही वजह है कि अपने पीसी अलेक्जेंडर की सलाह पर वित्त मंत्री के तौर पर नरसिम्हा ने मनमोहन (Manmohan Singh) को तब चुना जब उनका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं था।
अंतिम विदाई की किस्मत जुदा
मनमोहन सिंह अब पंचतत्व में विलीन हो चुके हैं। उनका अंतिम संस्कार दिल्ली में ही किया गया है। सोनिया गांधी, राहुल समेत तमाम कांग्रेस दिग्गज उनके अंतिम संस्कार में मौजूद रहे। कांग्रेस मुख्यालय में उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। लेकिन जब नरसिम्हा राव का निधन हुआ था तो उनका अंतिम संस्कार दिल्ली में नहीं किया जा सका था। उन्हें अंतिम संस्कार के लिए उनके घर हैदराबाद ले जाना पड़ा था। जो कांग्रेस पार्टी आज मनमोहन सिंह की समाधि के लिए जमीन पर राजनीति कर रही है, उसके सरकार में रहते नरसिम्हा राव की समाधि के लिए 10 साल तक जमीन तक आवंटित नहीं हो सकी थी।
मनमोहन की अंतिम विदाई का हर लम्हा ट्वीट
पूर्व पीएम और अपने दिग्गज नेता को खोने से कांग्रेस पार्टी में शोक की लहर दौड़ गई। कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से मनमोहन की अंतिम विदाई का हर लम्हा लगातार ट्वीट किया जाता रहा। उनके पार्थिव शरीर को कांग्रेस मुख्यालय में रखे जाने से लेकर उनकी अंतिम यात्रा तक हर एक लम्हे को लगातार कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से आम जनता तक पहुंचाया जा रहा था।
पीएम मोदी, अमित शाह के वीडियो भी कांग्रेस के हैंडल से ट्वीट
मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि देने कांग्रेस ही नहीं बीजेपी और अन्य पार्टियों के नेता भी उनके आवास पर पहुंचे। इस दौरान दलगत राजनीति से ऊपर उठकर कांग्रेस ने पीएम मोदी और अमित शाह समेत अन्य विपक्षी नेताओं के वीडियो भी अपने ट्विटर हैंडल से लगातार साझा किए।
स्मारक का मुद्दा सिखों के अपमान से जोड़ा जा रहा
मनमोहन सिंह के स्मारक को लेकर उनके अंतिम संस्कार से पहले खूब राजनीति हुई। दरअसल कांग्रेस की मांग थी कि मनमोहन सिंह का स्मारक उसी जगह पर बनाया जाए जहां उनका अंतिम संस्कार हो।
नरसिम्हा राव के लिए अंतिम विदाई का पल कुछ अलग था
कांग्रेस राज में देश के प्रधानमंत्री रहे नरसिम्हा राव के लिए नियति ने अंतिम विदाई का पल कुछ अलग ही तय किया था। तभी उनका अंतिम संस्कार दिल्ली में नहीं हो सका था। उनके पार्थिव शरीर को हैदराबाद ले जाया गया था। वहीं उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए कांग्रेस मुख्यालय में भी नहीं रखा जा सका था।
देश को नई राह दिखाने वाले, हम सभी के मार्गदर्शक, अभिभावक, डॉ. मनमोहन सिंह जी को कोटि कोटि नमन 🙏 pic.twitter.com/FoxdrIMRFo
— Delhi Congress (@INCDelhi) December 28, 2024
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