भारत-श्रीलंका समाचार: दुश्मन पड़ोसियों के बीच घिरे भारत को उस वक्त बड़ी राहत मिली जब दिल्ली दौरे पर आए श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके ने कहा, कि भारत के दुश्मनों को श्रीलंका की धरती पर पैर जमाने का मौका नहीं दिया जाएगा।
पाकिस्तान और चीन तो हमेशा से भारत के लिए खतरा रहे हैं, लेकिन अब मालदीव और बांग्लादेश भी भारत की विदेश नीति की कड़ी परीक्षा ले रहे हैं। बांग्लादेश के साथ संबंध लगातार खराब हो रहे हैं और निगाहें इस बात पर टिकी थीं, कि श्रीलंका में इस साल राष्ट्रपति चुनाव जीतने वाले दिसानायके अपने पहले विदेशी दौरे के लिए किस देश को चुनते हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि अभी तक परंपरा रही है, कि पाकिस्तान और चीन को छोड़कर बाकी पड़ोसी देशों में चुनाव जीतने वाले नेता अपने पहले विदेशी दौरे के लिए भारत को चुनते रहे हैं। लेकिन, मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू और नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस परंपरा को तोड़ दिया है।
श्रीलंका के नये राष्ट्रपति का पहला भारत दौरा
भारत और श्रीलंका ने सोमवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके की मौजूदगी में समझौता ज्ञापन (MoU) का आदान-प्रदान किया है। प्रधानमंत्री ने श्रीलंकाई नेता के भारत आने के फैसले पर कहा, कि उनकी यात्रा से दोनों देशों के बीच संबंधों को बढ़ावा मिलेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, कि ...मैं राष्ट्रपति दिसानायके का भारत में स्वागत करता हूं। हमें खुशी है, कि राष्ट्रपति के तौर पर आपने अपनी पहली राजकीय यात्रा के लिए भारत को चुना। आज की यात्रा से हमारे संबंधों में नई गति और ऊर्जा पैदा हो रही है। हमारी साझेदारी के लिए हमने भविष्य की सोच अपनाई है। हमारे आर्थिक सहयोग में हमने निवेश आधारित विकास और कनेक्टिविटी पर जोर दिया है।
मोदी ने कहा, कि हमने निर्णय लिया है, कि भौतिक, डिजिटल और ऊर्जा संपर्क हमारी साझेदारी के महत्वपूर्ण स्तंभ होंगे। बिजली ग्रिड संपर्क और बहु पेट्रोलियम पाइपलाइन के लिए काम किया जाएगा...।
प्रधानमंत्री मोदी ने तमिल मछुआरों के मुद्दे को उठाया
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय मछुआरों को श्रीलंकाई अधिकारियों की तरफ से गिरफ्तार किए जाने की घटना को उठाया और कहा, कि राष्ट्रपति ने उन्हें तमिलों की आकांक्षाओं को पूरा करने और श्रीलंका के संविधान के पूर्ण कार्यान्वयन और प्रांतीय परिषद चुनाव कराने की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने का आश्वासन दिया।
मोदी ने कहा, कि हमने मछुआरों की आजीविका से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा की। हम इस बात पर सहमत हुए, कि हमें इस मामले में मानवीय दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ना चाहिए। हमने श्रीलंका में निर्माण और सुलह के बारे में भी बात की। राष्ट्रपति दिसानायके ने मुझे अपने समावेशी दृष्टिकोण के बारे में बताया। हमें उम्मीद है, कि श्रीलंका सरकार तमिलों की आकांक्षाओं को पूरा करेगी और श्रीलंका के संविधान के पूर्ण कार्यान्वयन और प्रांतीय परिषद चुनाव कराने की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करेगी।
श्रीलंका के राष्ट्रपति के बयान से राहत
वहीं, श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने सोमवार को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आश्वासन दिया, कि उनका देश अपनी भूमि का किसी भी तरह से इस तरह से उपयोग नहीं होने देगा, जो भारत के हितों के लिए हानिकारक हो।
नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए दिसानायके ने आगे कहा, भारत के साथ सहयोग निश्चित रूप से बढ़ेगा और मैं भारत के लिए अपने निरंतर समर्थन का आश्वासन देना चाहता हूं।
दरअसल, श्रीलंका के राष्ट्रपति के बयान से राहत इसलिए मिली है, क्योंकि चीन लगातार श्रीलंका में अपना प्रभाव बढ़ाकर भारत को काउंटर करना चाहता है और हिंद महासागर में वो लगातार घुसपैठ कर रहा है। चीन लगातार हिंद महासागर में भारत की जासूसी के लिए अपना सर्विलांस जहाज श्रीलंका के जलक्षेत्र में भेजने के लिए दबाव बनाने की कोशिश करता रहता है, जिसको लेकर भारत एतराज जताता रहा है। और ऐसे में श्रीलंकन राष्ट्रपति का ये बयान बताता है, कि कम से कम श्रीलंका अभी भी भारत के साथ है।
दिसानायके ने कहा, मैं मुझे दिए गए निमंत्रण के लिए भारत कोधन्यवाद देना चाहता हूं और साथ ही पूरे प्रतिनिधिमंडल को दिए गए गर्मजोशी भरे आतिथ्य के लिए भी। मैं प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मुर्मू को धन्यवाद देना चाहता हूं... इस यात्रा ने दोनों देशों के बीच सहयोग को और विकसित करने का मार्ग प्रशस्त किया है।
भारत ने हमारा भरपूर साथ दिया
दिसानायके ने आर्थिक संकट के दौरान श्रीलंका का साथ देने के लिए भारत का आभार भी जताया। उन्होंने कहा, हमने करीब 2 साल पहले अभूतपूर्व आर्थिक संकट का सामना किया था और भारत ने उस संकट से बाहर निकलने में हमारा भरपूर साथ दिया। इसके बाद भी इसने हमारी काफी मदद की है, खास तौर पर कर्ज मुक्त ढांचा तैयार करने की प्रक्रिया में।
द्वीपीय देश के राष्ट्रपति ने आगे कहा, मैं जानता हूं कि भारत की विदेश नीति में श्रीलंका का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। प्रधानमंत्री मोदी ने हमें पूरा समर्थन देने का आश्वासन दिया है और उन्होंने यह भी आश्वासन दिया है, कि वे हमेशा श्रीलंका की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करेंगे।
इस बीच, प्रधानमंत्री मोदी ने बताया, कि भारत ने अब तक श्रीलंका को 5 बिलियन डॉलर की ऋण सहायता और अनुदान सहायता प्रदान की है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, कि बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने निर्णय लिया है कि महो-अनुराधापुरा रेलवे खंड और कांकेसंथुराई बंदरगाह की सिग्नलिंग प्रणाली के पुनर्वास के लिए अनुदान सहायता दी जाएगी।
#WATCH | At the joint press statement with PM Narendra Modi, Sri Lankan President Anura Kumara Dissanayake says, ...After becoming the President of Sri Lanka, this is my first foreign visit. I am so happy that I was able to come to Delhi on my first State visit. I want to thank… pic.twitter.com/wVt4shVWut
— ANI (@ANI) December 16, 2024
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