तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन भी एक देश-एक चुनाव विधेयक के विरोध में आ गए हैं। उन्होंने सोमवार को विधेयक के विरोध में सभी लोकतांत्रिक ताकतों और राजनीतिक दलों से एकजुट होने की अपील की। उन्होंने कहा कि चुनाव सुधार की आड़ में लाए गए कानून के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारत की विविधता और संविधान को बचाने की पहल की जाए।
एक देश-एक चुनाव विधेयक भारत के संविधान की भावना के खिलाफ
सीएम स्टालिन ने दावा किया कि इस विधेयक से भारत की राजनीति के बदलने का खतरा है। हालांकि भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के पास विधेयक को पारित करने के लिए बहुमत नहीं है। उन्होंने ट्वीट पर लिखा कि फिर भी हिसाब-किताब बराबर करने और देश की प्रगति को प्रभावित करने वाले मुख्य मुद्दों, जिनमें भाजपा विफल रही, उनसे ध्यान हटाने के लिए का बेशर्म प्रयास किया जा रहा है।
विधेयक पारित हुआ तो देश अराजकता में डूबेगा
सीएम ने कहा कि भारत संघीय व्यवस्था विरोधी और अव्यवहारिक एक देश-एक चुनाव विधेयक का विरोध करेगा। क्योंकि यह देश को एकात्मक शासन प्रणाली में धकेल देगा। साथ ही भारत की विविधता और लोकतंत्र को नष्ट कर देगा। केंद्र की भाजपा सरकार इस विधेयक को राष्ट्रपति चुनाव प्रणाली के संचालन के गुप्त उद्देश्य के तहत आगे बढ़ाना चाहती है, जो हमारे संविधान की भावना के विरुद्ध है।
उन्होंने कहा कि अगर प्रस्तावित विधेयक पारित हो जाता है या इस पर काम शुरू हो जाता है, तो यह देश को अराजकता और अधिनायकवाद में फंसने से रोकने के लिए हमारे महान संविधान निर्माताओं द्वारा आवधिक चुनावों के रूप में लगाए गए कानूनी नियंत्रण और संतुलन को हटा देगा। इसके साथ ही राज्य के चुनाव अपना राजनीतिक महत्व खो देंगे और क्षेत्रीय भावनाएं और विविधता नष्ट हो जाएंगी।
विधेयक को पारित करने के लिए भाजपा के पास बहुमत नहीं
उन्होंने कहा कि भाजपा के पास इस कानून को पारित करने के लिए बहुमत नहीं है जो भारत की राजनीति को हमेशा के लिए बदलने की बात कहता है। फिर भी देश की प्रगति को प्रभावित करने वाले मुख्य मुद्दों को संबोधित करने में विफलताओं से ध्यान हटाने और हिसाब बराबर करने का भाजपा की ओर से बेशर्म प्रयास किया जा रहा है।
भारत की विविधता और संविधान को बचाने के लिए सभी लोकतांत्रिक ताकतों को एकजुट होकर चुनाव सुधार की आड़ में थोपे गए इस घृणित कृत्य के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ना होगा।
गौरतलब है कि गुरुवार को कैबिनेट ने संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024 और केंद्र शासित प्रदेश कानून (संशोधन विधेयक), 2024 को मंजूरी दी थी। संविधान संशोधन विधेयक के अनुसार, राष्ट्रपति द्वारा लोकसभा चुनाव के बाद पहली बैठक में एक तारीख तय की जाएगी।
#INDIA will resist the anti-federal & impractical “One nation one election” as it will push the country into the perils of unitary form of governance, killing its diversity and democracy in the process.
— M.K.Stalin (@mkstalin) December 16, 2024
The Union BJP government seeks to push it with an ulterior motive of… pic.twitter.com/PslpjWoRwM
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