मस्जिद पर किसका हक?
वाराणसी के उदय प्रताप कॉलेज में बनी मस्जिद पर विवाद बढ़ता देख इस पर बाहरी लोगों की एंट्री पर बैन लगा दिया गया है। पुलिस के अनुसार, अब केवल कॉलेज के लोगों को ही मस्जिद में जाने की इजाजत है। राजस्व रिकॉर्ड बताते हैं कि जिस जमीन पर यह मस्जिद बनी है वह यूपी कॉलेज का ही हिस्सा है। यहां तक कि यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड ने भी यूपी कॉलेज पर अपना दावा वापस ले लिया है।
रिकॉर्ड्स में मस्जिद का जिक्र नहीं
वाराणसी के डीएम एस. राजालिंगम का कहना है कि जिस जमीन पर मस्जिद बनी है वह पूरी तरह से यूपी कॉलेज की संपत्ति है। इसे प्राइवेट प्रॉपर्टी के तौर पर दिखाया गया है। हालांकि, इस जमीन पर मस्जिद होने का कोई रिकॉर्ड मौजूद नहीं है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर यूपी कॉलेज में मस्जिद कब और किसने बनवाई?
किसने बनवाई थी मस्जिद?
इतिहास के पन्ने पलटें तो पता चलता है कि 19वीं सदी में टोंक के नवाब ने इस मस्जिद का निर्माण करवाया था। मस्जिद की देखभाल करने वाले मोहम्मद नजीर के अनुसार, 1867 में राजस्थान के नवाब मोहम्मद अली खान को अंग्रेजों ने वाराणसी में कैद कर लिया था। उन्हें रिहा करने के लिए अंग्रेजों ने शर्त रखी कि वह वापस टोंक नहीं जाएंगे। ऐसे में टोंक के नवाब वाराणसी में ही रहने लगे।
दिन में 5 बार होती है नमाज
नजीर के अनुसार, टोंक के नवाब ने उस वक्त दो मस्जिदें बनवाईं। एक यूपी कॉलेज में है और दूसरी उससे 500 मीटर की दूरी पर। दोनों ही मस्जिदों में दिन में 5 बार नमाज अदा की जाती है। आसपास के लोग भी इन मस्जिदों में नमाज पढ़ने आते हैं। रोजाना औसतन 25-30 लोग यहां नमाज पढ़ते हैं, जबकि शुक्रवार को यह संख्या करीब 200 तक पहुंच जाती है।
पहले भी हो चुका है विरोध
यूपी कॉलेज के प्रिंसिपल धर्मेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि यह मस्जिद दरअसल एक मजार है। छात्रों के विरोध के बावजूद इसका दायरा बढ़ता चला गया। पहले भी कई लोगों ने इस मस्जिद का विरोध किया है, लेकिन बाहरी लोगों ने कभी इस पर गौर नहीं किया।
विवाद की शुरुआत
गौरतलब है कि 2018 में यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड ने यूपी कॉलेज समेत इसकी मस्जिद पर अपना दावा ठोका था। वक्फ बोर्ड का तर्क था कि यह संपत्ति वक्फ बोर्ड की है। हालांकि, विवाद बढ़ने के बाद वक्फ बोर्ड ने यूपी कॉलेज पर अपना दावा वापस ले लिया। इसी बीच, कॉलेज परिसर में स्थित मस्जिद भी चर्चा में आ गई है।
*How ridiculous the misuse of WAQF power can be :
— Rishi Bagree (@rishibagree) November 28, 2024
Udai Pratap Autonomous College, often known as UP College in Varanasi, is 115 years old and has around 20,000 students studying on its 100-acre campus.
The Lucknow Waqf Board has claimed the entire campus as Waqf property. pic.twitter.com/yrQgJ6oPsA
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