सीरिया से लौटे भारतीयों ने सुनाई आपबीती, बताया- सड़कों पर असामाजिक तत्वों से दहशत का माहौल
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चंडीगढ़ के मैकेनिकल इंजीनियर सुनील दत्त ने बताया कि सड़कों पर कुछ असामाजिक तत्व सामान लूट रहे थे। उन्होंने कहा कि यह बहुत खराब स्थिति थी और गोलीबारी और बमबारी की आवाजें स्थिति को और भी भयानक बना रही थीं।

ग्रेटर नोएडा के सचित कपूर ने कहा कि वे करीब सात महीने तक सीरिया में थे। 7 दिसंबर को स्थिति और खराब हो गई, और हमें दमिश्क शहर में स्थानांतरित किया गया। वहां हमने आग और बमबारी देखी और यह बहुत डरावना था।

पांच साल से सीरिया में रह रहे रतन लाल ने स्वदेश लौटने पर कहा कि जब स्थिति खराब हुई, तो उन्हें दमिश्क बुलाया गया, जहां एक होटल में ठहरने के बाद उन्हें वीजा मिला और फिर वे एयरपोर्ट गए।

गुड़गांव के चेतन लाल ने बताया कि वह पिछले दस सालों से सीरिया में कांच की बोतल बनाने वाली कंपनी में काम कर रहे थे। उन्होंने कहा कि तीन दिनों तक वे दमिश्क में रुके रहे और लेबनान और सीरियाई दूतावास ने उनकी वापसी यात्रा में मदद की।

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को कहा कि हमने सीरिया में उन सभी भारतीय नागरिकों को निकाल लिया है जो हाल की घटनाओं के बाद घर लौटना चाहते थे। अब तक 77 भारतीय नागरिकों को निकाला जा चुका है।

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