साप्ताहिक राशिफल (11 दिसंबर से 17 दिसंबर 2023)
C. Rajagopalachari Birth Anniversary: भारतीय राजनीति के शिखर पुरुष थे राजाजी
Train Cancelled: ठंड ने रोकी ट्रेनों की रफ्तार, 11 से निरस्त होंगी लखनऊ छपरा सहित कई गाड़ियां
Shaurya Path: Israel-Hamas, Russia-Ukraine, Pannun, Nepalese in Russian Army और China से जुड़े मुद्दों पर Brigadier Tripathi से बातचीत
लेबनान की दक्षिणी सीमा पर इज़रायली हमले में हिज़्बुल्लाह आतंकी मारा गया
बरेली-नैनीताल हाईवे पर दर्दनाक हादसा, दो वाहनों में लगी भीषण आग, 8 लोग जिंदा जले
Weather Update: दिल्ली में सीजन की ठंडी सुबह रिकॉर्ड, जानें कब से शुरू होने वाली है ठिठुरन वाली ठंड
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में आज लग सकती है मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर
जयपुर सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड के दोनों शूटर्स चंडीगढ़ से पकड़े गए, पुलिस ने आंदोलनकारियों को 72 घंटे में पकड़ने का दिलाया था भरोसा
राशिफल 10-12-2023: आज सूर्य देव की कृपा से चमकेगा इन राशियों का भाग्य
Karni Sena: राजपूत नेता सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्या केस में 2 शूटरों समेत 3 गिरफ्तार
10 दिसम्बर 2023 पंचांग: जानें आज का शुभ मुहूर्त, कैलेंडर-व्रत और त्यौहार
Akshat Kalash in Raipur : अयोध्या से निकला अक्षत कलश रायपुर पहुंचा, महामाया मंदिर में हुई पूजा-अर्चना
बसपा से सस्पेंड होने के बाद दानिश अली ने क्यों कहा-हां, मैंने जुर्म किया है?
आज का राशिफल (10 दिसम्बर 2023)
12 महीने आंदोलन, 3 कृषि कानून वापस और 5 वादे-सरकार ने क्या खोया-क्या पाया?
Gogamedi Massacre : सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या में शामिल दोनों आरोपियों को चंडीगढ़ से किया गिरफ्तार
J&K : श्रीनगर के बेमिना इलाके में आतंकी हमला, एक पुलिसकर्मी घायल
महंगाई के मोर्चे पर सरकार
‘विपक्षी मंच’ पर कोई एकजुटता नहीं
इस गाँव में होती है अफसरों की फसल :

जी हाँ, आपने अब तक जितने कैडेट सुने होंगे उनमें एक और जोड़ लीजिये, ये है माधोपट्टी कैडेट : ये कोई राज्य नहीं बल्कि एक उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले का एक गाँव है जिसमें सिर्फ अफसर जन्म लेते हैं, और इस गाँव का नाम है माधोपट्टी अर्थात माधवपट्टी ।

माधोपट्टी एक ऐसा गांव है जहां से देश को कई आईएएस और ऑफिसर मिलते हैं। कहने को इस गांव में केवल 75 घर हैं, लेकिन सिर्फ वर्तमान की बात की जाए तो यहां के 47 आईएएसअधिकारी विभिन्‍न विभागों में सेवा दे रहे हैं, यदि PCS और आईपीएस की बात की जाए तो ये लिस्ट न जाने कहाँ पहुंचे । इस गाँव का योगदान सिर्फ यहीं खत्म नहीं होता , माधोपट्टी की धरती पर जन्मे सपूत इसरो, भाभा, काई मनीला और विश्‍व बैंक तक में अधिकारी बनते हैं। यह गाँव सिरकोनी विकास खण्ड का एक छोटा सा हिस्सा है ; मगर देश के प्रशासनिक खंड में यह गाँव एक बड़ा हिस्सा कवर करता है। इस गांव के अजनमेय सिंह विश्‍व बैंक मनीला में, डॉक्‍टर निरू सिंह लालेन्द्र प्रताप सिंह वैज्ञानिक के रूप भाभा इंस्टीट्यूट तो ज्ञानू मिश्रा इसरो में सेवाएं दे रहे हैं। यहीं के रहने वाले देवनाथ सिंह गुजरात में सूचना निदेशक के पद पर तैनात हैं.

कहाँ से शुरू हुई ये होड़ :

कहते हैं 1952 में इस गाँव के इन्दू प्रकाश सिंह का आईएएस परीक्षा में दूसरी रैंक के साथ सलेक्शन क्या हुआ मानो यहां के युवाओं में अधिकारी बनने की होड़ लग गई । क्या लड़के क्या लडकियां , ये गाँव बस अधिकारी निकालता ही चला गया ।

आईएएस बनने के बाद इन्दू प्रकाश सिंह फ्रांस सहित कई देशों में भारत के राजदूत रहे। सिंह के बाद इस गांव के चार सगे भाइयों ने आईएएस बनकर एक इतिहास रच दिया जो भारत में अब तक अविजित कीर्तिमान है। इन चारों सगे भाइयों में सबसे बड़े भाई विनय कुमार का चयन 1955 में आईएएस की परीक्षा में 13वीं रैंक के साथ हुआ । विनय सिंह बिहार के मुख्यसचिव पद तक पहुंचे ।

सन् 1964 में उनके दो सगे भाई क्षत्रपाल सिंह और अजय कुमार सिंह एक साथ आईएएस अधिकारी बने। क्षत्रपाल सिंह तमिलनाड् के प्रमुख सचिव रहे। वहीं चौथे भाई शशिकांत सिंह 1968 आईएएस अधिकारी बने। सिर्फ बेटे ही नहीं इस गाँव की बेटियां गरिमा सिंह आईपीएस और सोनल सिंह का चयन IRS में हुआ। इसके अलावा इस गांव की आशा सिंह 1980, उषा सिंह 1982, कुवंर चद्रमौल सिंह 1983 और उनकी पत्नी इन्दू सिंह 1983, अमिताभ बेटे इन्दू प्रकाश सिंह 1994 आईपीएएस उनकी पत्नी सरिता सिंह 1994 में चयनित होकर इस श्रृंखला को आगे बढ़ाया ।

इसी गाँव के शृीप्रकाश सिंह IAS,वर्तमान में उ.प्र.के नगर विकास सचिव हैं । 2002 में शशिकांत के बेटे यशस्वी न केवल आईएएस बने बल्‍कि इस प्रतिष्ठित परीक्षा में 31वीं रैंक हासिल की।

उच्च सेवाओं के अलावा :

अगर आईएएस आईपीएस से थोड़ा पीछे आएं और बात करें PCS सेवा की तो पीसीएस अधिकारियों की यहां एक लम्बी फौज है। इस गांव के राममूर्ति सिंह ,विद्याप्रकाश सिंह , प्रेमचंद्र सिंह , महेन्द्र प्रताप सिंह ,जय सिंह ,प्रवीण सिंह व उनकी पत्नी पारूल सिंह ,रीतू सिंह पचस अधिकारी हैं इनके अलावा अशोक कुमार प्रजापति, प्रकाश सिंह ,राजीव सिंह ,संजीव सिंह ,आनंद सिंह ,विशाल सिंह व उनके भाई विकास सिंह ,वेदप्रकाश सिंह ,नीरज सिंह भी पीसीएस अधिकारी बने चुके हैं। अभी हाल ही 2013 के आए परीक्षा परिणाम इस गांव की बहू शिवानी सिंह ने पीसीएस परीक्षा पास करके इस परम्परा को जीवित रखा है ।

प्रतिक्रिया दीजिए